आरडी शुक्ला की यादें मुझे याद है 90 में जब स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई लखनऊ से सांसद का चुनाव लड़ रहे थे तब मुलायम सिंह ने उनके खिलाफ राज बब्बर को चुनाव लड़ाया था राज बब्बर को सुब्रत राय अप पूरी सहारा कंपनी चुनाव लड़ा रही थी और वह इस हद पर उतर आए थे कि किसी भी हालत में लखनऊ से स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई जी को हराना है यह दशा स्वर्गीय अटल बिहारी जी के लिए बहुत शर्मिंदगी की होने जा रही थी उनका आगे का भविष्य पूरी तरह खराब करने की योजना थी हम लोग हर तरीके से लगे थे स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई किसी कीमत पर हारने ना पाए और सुब्रत राय मुलायम सिंह ने ठानी थी किसी भी तरह अटल बिहारी वाजपेई चुनाव हम लोगों के लिए चुनाव प्रतिष्ठा का था लेकिन चुकी स्वतंत्र भारत में काम कर रहा था इसलिए पूरी तरह तो नहीं और पूरी तरह भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता भी नहीं था इसलिए उतना एक्टिव तो नहीं था लेकिन किसी भी कीमत पर अटल जी को जिताना चाहता था रात को जब भी ड्यूटी के बाद टाइम मिलता था अटल जी के लिए जुड़ जाता था इस बार के चुनाव में राज बब्बर ने मुलायम सिंह से मिलकर सुब्रत राय के पैसे से अटल जी को बराबर की टक्कर देनी शुरू की राज बब्बर का नाम भी था स्टार थे इसलिए अटल जी को अच्छी खासी टक्कर दे रहा था और यहां तक की उसके जीतने की पूरी संभावनाएं बन रही थी यह सब चली रहा था कि चुनाव से 1 दिन पहले रात को मैं अपने कार्यालय स्वतंत्र भारत से छुट्टी करने के बाद अपने महानगर निवास जा रहा था अचानक वायरलेस स्टेशन चौराहे पर मैं खड़ा किसी से बात कर रहा था इसी बीच महानगर क्षेत्र के तत्कालीन क्षेत्राधिकारी राजेश पांडे वहां आ गए मैं भी उनका करीबी मित्र था तो उनकी जीप में बैठकर बातें करने लगा इसी बीच हम दोनों जनों को कुछ संदिग्ध लोगों की भीड़ दिखाई देने लगी उनका आवागमन देखकर हम लोग सशंकित हो गए हम लोगों ने उस भीड़ में से कुछ लोगों को बुलाकर पूछताछ की तो पता चला कि वह लोग बाहर से आए हैं सहारा की तरफ से राज बब्बर को चुनाव लड़ाने के लिए हम लोगों ने उनसे पूछताछ की तो उन्होंने बताया हम लोग सहारा के गेस्ट हाउस में रुके हैं इस पर हम लोग सशंकित हुए कि दूसरे दिन चुनाव है और यह बाहरी लोग इस तरह खुलेआम घूम रहे हैं और अच्छी खासी संख्या में अचानक हम लोगों का दिमाग घूम गया और हम लोगों ने उन लोगों को अपने साथ बैठाकर गेस्ट हाउस देखने पहुंच गए कपूरथला पहुंचने पर जब गेस्ट हाउस देखा गया तो वहां 400 500 आदमी दिखाई दिए हम लोग चौक गए यह सब क्या है दूसरे दिन चुनाव था उसी समय होशियार राजेश पांडे ने अपने उच्चाधिकारियों को इसकी सूचना दी और बताया कि लगभग एक लाख लोग शहर में सहारा के आ चुके हैं वह गेस्ट हाउस होटलों में जगह-जगह हुए हैं इतनी बातें हम लोगों ने पता कर ली थी जो लोग हम लोगों की गिरफ्त में आए थे उनसे हम लोगों ने पूरा हालचाल ले लिया था तत्काल फोर्स का इंतजाम हुआ और उसके बाद 2:00 बजे के बाद वरिष्ठ अधिकारियों के आने की प्रतीक्षा की गई जब वरिष्ठ अधिकारी आ गए तो राजेश पांडे मैं और पीएसी पुलिस वरिष्ठ अधिकारी सभी लोगों ने शहर भर में एकत्र सहारा के लोगों को गेस्ट हाउस होटलों से गिरफ्तार करना शुरू कर दिया यह जानकारी ना तो बीजेपी कार्यकर्ताओं को थी और ना ही किसी राजनेता को 2:00 बजे के बाद से सुबह तक चुनाव शुरू होने तक लगभग डेढ़ लाख सहारा कर्मियों को गाड़ियों में भर-भर कर गिरफ्तार करके शहर से बाहर भगाया गया और सुब्रत राय की फर्जी वोट डालने की जो साजिश थी राज बब्बर के पक्ष में उसको हम लोगों ने सुबह तक विफल कर दिया उस बार अटल जी 100000 वोटों के अंदर ही हो जीत पाए थे अगर यह डेढ़ लाख वोट सुब्रत राय डलवा पाते तो शायद हमारे स्वर्गीय चहेते अटल बिहारी वाजपेई जी सुब्रत राय की बेईमानी से चुनाव हार जाते और लखनऊ के लिए इस सबसे दुखद होता क्योंकि एक हमारा भविष्य का प्रधानमंत्री लखनऊ खोल देता और जो भी अटल जी ने लखनऊ को दिया वह सब नहीं हो पाता आश्चर्य तो यह था इतनी बड़ी साजिश हो रही थी अटल जी को हराने की और बीजेपी के कार्यकर्ता घरों में आराम से सो रहे थे वरिष्ठ नेता भी सो रहे थे जो बड़े-बड़े पदों पर इस समय विराजमान हैं एक क्षेत्र अधिकारी और एक मैं दो जनों ने लखनऊ की इज्जत तो बचाई बचाई साथ में सुब्रत राय की अटल जी को हराने की गहरी साजिश को इस तरह विफल किया कि वह आज तक फिर पनप नहीं पाए ओ हालत यह है कि कोई बीजेपी का नेता कार्यकर्ता इस पूरी कार्रवाई इस पूरे ऑपरेशन को जान ही नहीं पाया अटल जी के जीतने के बाद प्रधानमंत्री बनने के बाद उनसे लाभ लेते रहे मौज लेते रहे और अपनी पीठ थपथपाते रहे राजेश पांडे जी तो पुलिस में थे आज डीआईजी हैं रही बात हम लोगों की तो पहले भी सड़क पर थे और आज भी सड़क पर हैं याद कीजिए इस बार सबसे कम मार्जिन से अटल जी जीते थे इस साजिश को विफल करने के बाद के चुनाव में अटल जी काफी अच्छे वोटों से जीतने लगे थे द्वारा राज बब्बर मुलायम सिंह ने उनको हरवाने की कोशिश भी नहीं की अखबारों में खूब निकला था कि बाहर से सुब्रत राय ने सहारा कर्मियों को बुलाकर फर्जी वोट डलवाने की भरपूर साजिश कर रखी थी अगर कहीं वह वोट पड़ गए होते हम लोगों ने रात को कार्रवाई न की होती तो आज अटल जी वह अटल जी नहीं हो पाते जो वह होकर इस दुनिया से गए उस समय कोई भी बीजेपी का नेता इसकी सूचना तक ना पापा आया था की अटल जी को हराने की किस तरह की साजिश सुब्रत राय मुलायम सिंह कर रहे हैं राज बब्बर और सुब्रत राय का पैसा इतनी बड़ी बेईमानी करने जा रहा था अटल जी के पूरे भविष्य को ही चौपट करने का इरादा बना लिया था लेकिन एक पुलिस क्षेत्राधिकारी राजेश पांडे और एक मैं रिपोर्टर 2 लोगों ने बेईमानी से राज बब्बर का जीता हुआ चुनाव और उनकी साजिश पूरी तरह विफल कर दी लेकिन उसका परिणाम आज तक सड़क पर ही हूं लेकिन खुशी है कि हम लोगों ने अटल जी के लिए जो करना चाहिए था वह काम बिना प्रचार बिना किसी मोहल्ले के कर दिया यही हमारा फर्ज भी था और जिन्होंने आंचल जी से खूब लाभ लिया उनका कहीं पता भी नहीं था अलबत्ता उन लोगों ने सुब्रत राय जी से नाराज अटल बिहारी वाजपेई जी को समझा-बुझाकर फिर से उन्हें माफ करवा दिया इस तरह के लोग भाजपा के लिए हमेशा नुकसान दे रहे और आगे भी नुकसान दे रहेंगे हम लोग हमेशा भाजपा के साथ रहे जब दो एमपी थे तभी थे और आज भी हैं हम लोगों को कुछ नहीं चाहिए बस यह चाहिए कि भ्रष्टाचारियों को सजा मिले गरीबों का हित हो अपराधियों को सजा मिले सब को न्याय मिले जनता खुश रहे फिलहाल मोदी जी और योगी जी वही कर रहे हैं जो हम लोग चाहते थे
जब अटल जी को हराने की योजना सुब्रत राय ने बनाई और रात को ही राजेश पांडे और हमने उनकी यह योजना को विफल कर दिया