पत्रकारिता करने की खुली आजादी तो अब मिली है आरडी शुक्ला की कलम से
क्राइम रिपोर्टर का दर्द आज मित्रों मैं आपको सन 70 से अब तक हो रही पत्रकारों की सियासत के बारे में कुछ भीतरी चीजों को आपके सामने रखना चाहूंगा मैं लखनऊ विश्वविद्यालय में सन 70 में पहुंचा था और वहां छात्र नेता बन गया छात्र नेता बनने के लिए आवश्यक था तत्कालीन अखबारों और उनके संवाददाताओं से संबंध बनाना …