लखनऊ के हर हाईवे पर अब स्कूल कॉलेज नहीं कारखाने खोलो लोगों को रोजगार मिले

आर डी शुक्ला द्वारा   आप जान रहे हैं किस समय लखनऊ की जनसंख्या क्या होगी नहीं जो हमारे आंकड़े बता रहे हैं कि अब इस समय लखनऊ लगभग एक करोड़ की जनसंख्या वाला शहर हो चुका है लखनऊ में बाराबंकी जुड़ चुका है इटौंजा और आगे तक हम पहुंच गए हैं गोसाईगंज से आगे लोनी कटरा तक पहुंच गए हैं कानपुर के आगे तक बंथरा के आगे तक पहुंच गए हैं रायबरेली बछरावां के करीब तक हम हैं हरदोई संडीला तक पहुंच गए हैं मोहान रोड में हम बहुत आगे तक पहुंच गए हैं सीतापुर रोड भर चुकी है अगर सिर्फ शहर की जनसंख्या के बारे में सोचें और उसका सही आंकलन करें तो वह 5000000 से कम नहीं निकलेगी और उसके बाद अगर आउटर की जनसंख्या को ले ले तो वह भी इतनी ही होगी आप यू समझिए कि हम एक करोड़ के आसपास पहुंच गए हैं हमारे शहर में 20 25 लाख वाहन दोपहिया और चार पहिया हैं सड़क के लोहे से पटी हुई हैं और उसके बाद बाहर से 10 5 लाख जो वाहन आते हैं वह अलग हैं जो रोज चले भी जाते हैं तो ऐसी हालत में हम पूरी तरह हाउसफुल हो चुके हैं मेट्रो है अभी उसके लिंक शुरू हो जाने दीजिए वह भी फुल हो जाएगी उसका कारण है एक तो जनसंख्या का बढ़ाना प्रधानमंत्री जी ने भी इस बार लाल किले से स्वीकार किया और उसके अलावा पूरे प्रदेश से लोग लखनऊ की चमक दमक देखकर यहां आकर घर बना रहे हैं और रहना शुरू कर दिया है क्योंकि यहां उच्च स्तर की पढ़ाई लिखाई की पूरी व्यवस्था है इसलिए सभी जिलों से लोग यहां आ रहे हैं अपना थोड़ा खेत खलियान बेचकर बच्चों को लखनऊ में पढ़ा रहे हैं और मौका मिला तो स्वयं भी आ रहे हैं उत्तर प्रदेश को छोड़िए लखनऊ और प्रदेश की शांति को देखते हुए पूरे भारत से व्यापारी और आमजन लखनऊ की ओर भाग रहा है यहां जैसे शांति और कहीं नहीं है वैसे तो फिलहाल पूरे भारत में शांति है लेकिन योगी जी के चलते उत्तर प्रदेश उत्तम प्रदेश बन गया तो यहां भीड़ का बढ़ना लाज़मी हो गया है अब हम अब मुद्दे की बात करते हैं कि लखनऊ में चाहिए क्या लखनऊ में हर चीज अति जा रही है मेट्रो आ गई है जमके बसे हैं ऑटो है रिक्शा है हर तरह के साधन है छोटे से लेकर अपोलो अस्पताल तक यहां खुल रहे हैं माल और अत्याधुनिक हर चीज यहां उपलब्ध हो गई है जो कभी मुंबई और दिल्ली में मिलती है तो हमारा लखनऊ पूरी तरह तरक्की कर रहा है लेकिन यहां का विस्तार गलत ढंग से पिछली सरकारों ने करवाया जिसका खामियाजा आज जनता को भुगतना पड़ रहा है गलत ढंग से विस्तारीकरण हुआ मोहल्ले भी गलत ढंग से बन गए ठीक रास्ते नहीं बने सड़के छोटी बनी जो जहां पाया उसने वहां मकान बना लिया आगे के बारे में सोचा ही नहीं अब योगी जी की सरकार अगर सोच भी रही है शहर को ठीक करने की तो इतनी समस्याएं हैं इतनी बिल्डिंग खड़ी हो गई हैं कि उनको हिला के इधर-उधर ले जाना असंभव सा है सड़कें भी बढ़ती भीड़ के सामने बहुत छोटी है अब सारी बातों को घर छोड़ दिया जाए और सिर्फ यह सोच जाए आखिर लखनऊ में रोजगार कैसे बढ़े जिससे कि जो यहां बेरोजगारी की हालत है वह दूर हो सके तो उसके लिए व्यक्तिगत हमारी राय यही होगी कि हर हाईवे पर कारखाने लगा दिया जाए वह चाहे जिस चीज के चाहे जो बनाएं और उनको योजना व ढंग से यहां के युवकों को उसमें लगाया जाए अगर वह हरदोई का है तो उसको हरदोई रोड पर बनने वाले कारखाने में काम दिया जाए रायबरेली का है उसको रायबरेली रोड पर काम दिया जाए बाराबंकी का है तो बाराबंकी रोड पर बनने वाले कारखाने में काम दिया जाए सीतापुर का है तो सीतापुर रोड पर जो कारखाना बने उसमें उसको काम दिया जाए कानपुर रोड का है तो कानपुर रोड पर बनने वाले कारखाने में उसको काम दिया जाए अब यह काम जरूरी हो गया है स्कूल कॉलेज बहुत हो गया लखनऊ में उनकी अब ज्यादा आवश्यकता नहीं है अगर आईटीआई या कौशल प्रशिक्षण से उनको काम सिखा कर इन कारखानों में लगाया जाए तो निश्चित तौर पर बेरोजगारी बहुत कम होगी यह बात मैं इसलिए कह रहा हूं कि मैं 65 सालों से लखनऊ में हूं वह मैं यहां की हालत देख रहा हूं लखनऊ में एक स्कूटर इंडिया कारखाना खोला था कानपुर रोड पर लगभग 10,000 लोगों को वहां काम मिला क्षेत्रीय लोगों को ज्यादा प्रमुखता दी गई तो तो लगभग एक लाख लोगों का पालन पोषण आराम से वहां से होने लगा था यह हम लोगों को मालूम है ठीक इसी तरह फैजाबाद रोड पर स्टेल्को कारखाना खुला यहां भी लगभग 10,000 लोगों को काम मिला और लाखों लोगों का पेट इस कारखाने के लोगों के द्वारा भरा जाने लगा तो आप खुद सोचें अगर इन सुल्तानपुर रोड कानपुर रोड मोहान रोड हरदोई रोड सीतापुर रोड बाराबंकी रोड अगर इन सभी पर 11 कारखाना किसी चीज का लगवा दिया जाए लाखों-करोड़ों लोगों को तुरंत रोजगार मिल जाएगा और वैसे यहां अगर जो स्कूल कॉलेज खुलते जाएंगे तो यहां बेरोजगारी बढ़ती जाएगी स्कूल कॉलेज किसी को रोजगार तो दे नहीं रहे हैं केवल जनता का शोषण कर रहे हैं अब यह ज्यादा नहीं बढ़ने चाहिए अब कारखानों की जरूरत है पिछले 50 सालों में मेरी नजर में सिर्फ यह दो कारखाने लखनऊ में खोलें गए और उनसे कितना लाभ हुआ वह मैंने बताया उसके अलावा लखनऊ में कोई कारखाना नहीं लगाया गया लेकिन अब दिल्ली में मोदी जी की सरकार और प्रदेश में योगी जी की सरकार जिस तरह कार्य कर रही है उससे यह मांग की जा सकती है और उम्मीद लगाई जा सकती है की वह इस तरीके से काम कर सकते हैं उनको अपनी जेब में नहीं भरनी है उनको भ्रष्टाचार नहीं करना है उनको भाई भतीजावाद नहीं करना है इसलिए अब अगर इस तरीके के काम हो जाए तो बेरोजगारी दूर होते समय नहीं लगेगा अभी तक की सरकारों ने अपना घर भरा अपना दल बनाया अपने लोगों को बनाया नहीं तो क्या पिछली सरकारें यह कारखाने नहीं खोल सकते थे उन्होंने जो भी काम किए अपने फायदे के लिए किए जिससे उनका पैसा बने इसीलिए भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिला बेईमानों को बढ़ावा मिला अपराधियों का भला हुआ उनको सजा नहीं मिली हमने सजा मिलते नहीं देखें 50 साल में लेकिन अब 50 दिन में ही बहुत कुछ बदल गया इसलिए मैं अपनी राय रख रहा हूं योगी जी और मोदी जी अभी स्कूल ना खुलवा में इंजीनियरिंग कॉलेज में खुलवाएं पिछली सरकारों के नेताओं ने बहुत खुलवा दिए हैं आप प्रशिक्षण बेरोजगार बच्चों को आईटीआई या कौशल विभाग से उनको प्रशिक्षण दिलवा कर कारखाने खुलवा दें वह स्वयं खोलें या सरकार खुलवा दें जिससे उनको रोजगार मिले अब आपको जाना तो है नहीं ना दिल्ली की सरकार को जाना है ना प्रदेश की सरकार को जिनको जाना था वह चले गए अब उनको नहीं लौटना इसलिए आपसे प्रार्थना है लखनऊ के हर हाईवे पर स्कूल कालेज खुलवाने से अच्छा कारखाने खुलवा दें बहुत लोगों को रोजगार मिल जाएगा इससे हमारे प्रदेश का भी भला होगा देश का भी भला होगा लखनऊ में सब कुछ है और लखनऊ सीधा हर मार्ग से जुड़ जुड़ गया है अब किसी को आने जाने में परेशानी नहीं तुम्हें भी अपने दिल्ली की सरकार मोदी जी की सरकार से और योगी जी की सरकार से एक ही विनती है कि लखनऊ में कम से कम हर हाईवे  पर एक कारखाना अवश्य खुलवा दिया जाए लखनऊ के विकास की बात और राय मशवरा जारी रहेगा आप पढ़ते रहे हम को सलाह देते रहें हम आपकी बात रखते रहेंगे सरकार तक यह क्रम जारी रहेगा दूसरों को भी बताते रहे हैं सर वर्तमान सरकार को कोसने से कुछ नहीं मिलेगा सलाह दीजिए सरकार प्रशासन और पुलिस का सहयोग करिए तभी राष्ट्र निर्माण में आपका योगदान होगा धन्यवाद


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