पत्रकार की परिभाषा जानते हो

आज मैं आपको सुनाता हूं की जिसके बाद मैं आश्चर्यचकित होकर पत्रकारिता की वास्तविक परिभाषा समझ पाया हमारा ख्याल है 99 प्रतिशत पत्रकार गैर पत्रकार लोग पत्रकारिता की परिभाषा ही नहीं जानते होंगे जब मैं 80 के दशक में देश प्रदेश के सबसे बड़े अखबार में पत्रकारिता करने गया और इंटरव्यू दिया तो वहां सिर्फ एक चीज पूछी गई और वह भी पूछने वाला कोई मामूली व्यक्ति नहीं स्वर्गीय चंद्रोदय दीक्षित जी थे बताओ पंडित जी पत्रकारिता की परिभाषा क्या होती है अब मुझे जो मालूम था वह सब उटपटांग था बताता चला गया वह चुपचाप सुनते रहे और बाद में जब वह कुछ नहीं बोले तो मैं समझ गया कि वह हमारी परिभाषा से संतुष्ट नहीं है वैसे आज भी मास कम्युनिकेशन की शिक्षा हो या अखबारी कारखानों का ज्ञान कहीं भी वह परिभाषा नहीं बताई जाती जो उस दिन स्वर्गीय विद्वान संपादक चंद्रोदय दीक्षित जी ने हम को बताई उन्होंने कहा सुन लो पत्रकारिता की परिभाषा और ठीक से याद कर लो पत्रकार होता है संत संत अपनी वाणी से समाज को सुधारने का कार्य करता है उसकी गलतियों और उसकी खामियों को अपनी वाणी से दूर करने की कोशिश करता है ठीक उसी प्रकार पत्रकार अपनी लेखनी से और अपने लेख से समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने का प्रयास करता है गरीब वंचित लोगों को न्याय दिलवाने का काम करता है पीड़ित परेशान लोगों को सरकार से मदद जलवा ता है यह सब कार्य और लेखनी से करता है संत अपनी वाणी से करता है यह परिभाषा कितने पत्रकारों को मालूम है और कितने लोग इस परिभाषा पर अमल करते हैं आज के समय में जब चारों ओर कटुता फैलाने का काम हो रहा है सबके हाथ में टेलीफोन है और इस टेलीफोन के माध्यम से वह पता नहीं क्या क्या चीजें लिखकर नेट के द्वारा प्रसारित करता रहता है अच्छी बुरी सब ठीक इसी तरीके से हमारे खबरिया चैनल अखबार और सोशल मीडिया पता नहीं क्या क्या प्रसारित करते रहते हैं 24 घंटे बंद नहीं होते खबरिया चैनल और प्रिंट मीडिया तो कहीं ना कहीं से बंधे हुए हैं और यह इतना गलत नहीं कर सकते जितना कि सोशल मीडिया कर रहा है जबकि आज जरूरत है सोशल मीडिया समाज को कटुता से बचाए लोगों की परेशानियों को हल करें उस में मदद करें लेकिन हो उल्टा रहा है जितना गलत से गलत संदेश सोशल मीडिया में प्रसारित किया जा रहा है वह आने वाले कल के लिए खतरे की घंटी है हम लोगों ने पत्रकारिता की तो हम लोगों ने गरीबों वंचितों के हितों के लिए सरकार को हमेशा चेताया और सरकार से पीड़ितों के मदद दिलवाई पत्रकारों का कार्य भी यही है पत्रकारों का कार्य अफवाह फैलाना या पैसा कमाना नहीं है बल्कि अपराधी भ्रष्टाचारी और बेईमान लोगों को समाज और सरकार के सामने लाकर उन्हें सजा दिलाना है उनके लिए कवच का काम करना नहीं आज क्या हो रहा है आप भी जान रहे हैं हम भी जान रहे हैं किस तरीके से यह अपराधी भ्रष्टाचारी और बेईमान गरीब जनता को प्रताड़ित कर रहे हैं अब भाग्य की बात है किस देश में एक ईमानदार प्रधानमंत्री बन गया है प्रदेश में एक इमानदार साधु मुख्यमंत्री बन गया है अब इन दोनों को 5 साल काम करना है तो वह काम क्या करें रोज उनको किसी ने किसी व वाले में उलझा कर यह मीडिया उनका समय नष्ट कर रहा है जबकि वह बिना रुके बिना घबराए लगातार देश प्रदेश के हित में बड़े से बड़े कदम उठाते जा रहे हैं यहां तक कि जो कई दशकों तक नहीं उठाए गए अब अगर हम यहीं ले ले कि इस बार लोकसभा में 50 दिन की सरकार ने सबसे अधिक कार्य किया प्रदेश में ले ले प्रदेश सरकार ने गजब के काम किए लेकिन उसके बाद भी विपक्ष संतुष्ट नहीं है और ना भी संतुष्ट हो तो उससे जनता को क्या लेना जनता को तो सरकार से लेना है और सरकार से जवाब लेना है इसलिए पत्रकार बंधुओं को चाहिए जो अपनी लेखनी उस ओर बढ़ाएं जिसमें जनता और समाज का हित हो आज सभी जान रहे हैं किस देश में जनसंख्या विस्फोट है आबादी बहुत बढ़ चुकी है बेरोजगारी सीमा पार है ऐसे में अगर हम सब मिलकर एक दूसरे का सहयोग नहीं करेंगे खास तौर पर सरकार का सहयोग नहीं करेंगे तो आखिर हमारे नौजवानों को कहां से नौकरी मिलेगी और उनको नौकरी नहीं मिलेगी तो आगे देश का भविष्य क्या होगा विकास कैसे होगा प्रधानमंत्री कह रहे हैं और उनका प्रथम नारा भी विकास है और विकास की जरूरत भी है देश को तो आज पत्रकार भाइयों को चाहिए कि वे ऐसा माहौल तैयार करें जिससे कि हमारी देश और प्रदेश की सरकारों को बिना किसी रुकावट के विकास के कार्य को आगे बढ़ाते रहें यह तभी संभव है जब हम कानून व्यवस्था जैसी की इस समय मौजूदा में दिखाई दे रही है ऐसी ही रहे और प्रशासनिक ढांचे को जनता का सहयोग मिलता रहे मीडिया का सहयोग मिलता रहे फिलहाल सरकार पांच 5 साल अब चलनी ही है उसको सामने कोई रुकावट नहीं है अब रिकॉर्ड जलने वाले विपक्षी कम से कम कुछ सालों तक चुपचाप बैठ जाएं और सरकार को काम करने दे परिणाम सामने आएगा फिर चुनाव होंगे जिसको जो कहना है कह लेगा जो खानी होगी चिल्ला लेगा लेकिन अभी अभी चुनाव हुए हैं अभी से हाय तौबा मचा ना न जनता के हित में है अन्ना सरकार के हित में है अभी दिल्ली सरकार और प्रदेश की सरकार ठीक रास्ते पर दौड़ रही है उसको पटरी से नहीं उतरने देना है हमारे खबरिया चैनल और अखबार सही रास्ते पर चल रहे हैं बस गड़बड़ है तो सोशल मीडिया में उसमें भी आए अब कटुता और बेकार की चीजों को लोग डालना बंद कर दें अपने आप देश का उद्धार शुरू हो जाएगा मैं आरडी शुक्ला आपको नई नई चीज बताता रहूंगा हां इतना जरूर है रोजमर्रा की खबरों में आप को उलझा कर परेशान नहीं करूंगा धन्यवाद


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