उत्तर प्रदेश पुलिस ने विकास को वही भेज दिया जहां उसकी वाकई जरूरत थी आरडी शुक्ला की कलम से

 कल रात को मध्य प्रदेश से विकास को लेकर एसटीएफ उत्तर प्रदेश कानपुर की ओर रवाना हुई और कानपुर पहुंचने से पहले विकास मुठभेड़ में मार दिया गया प्रदेश के अधिकांश जनता और उत्तर प्रदेश पुलिस की इच्छा पूरी हो गई यह सब कारनामा महज योगी जी की इच्छा शक्ति और अपराधियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की दृढ़ इच्छाशक्ति का ही परिणाम है कि विकास   से कल सुबह से लेकर आज सुबह उसके मरने से पहले तक उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स ने सब कुछ  पता कर लिया पिछले 1 सप्ताह से पुलिस उसके पूरे कारनामों का चिट्ठा पहले ही पता लगा चुकी है वैसे संभावना बहुत कम थी कि वह ज्यादा दिन जीवित बचेगा और इतना खूंखार अपराधी ज्यादा  बचता भी नहीं है और अगर उसको ज्यादा समय मिलता तो इतना अनाप-शनाप बकने शुरू कर देता जिससे पुलिस का मनोबल तो गिरता ही    और इसी के साथ अब शुरू होगा माफियाओं और अपराधियों के खिलाफ योगी सरकार का खुला अभियान सबसे बड़ी खूबी इस कांड के बाद यह देखने को मिली योगी जी कतई अपराधियों को कहीं से छूट देने के मूड में नहीं है और  यह उनका कठोर निर्णय निश्चित तौर पर प्रदेश को अपराधी और माफियाओं से जल्दी मुक्ति दिला देगा वैसे तो मुठभेड़ों पर हमेशा सवाल उठते रहे लेकिन योगी जी से कहीं ज्यादा सन 80 के दशक में खुलेआम कांग्रेस मैं मुठभेड़ों में लोगों को मरवाया था आज यह लोग जो भी सवाल  उठाएं वह व्यर्थ है कल रात थी मैंने कहा था अपराधी डाल डाल सरकार पाद पाद हुआ भी वही विकास दुबे योगी जी के दिए गए 1 सप्ताह के अल्टीमेटम के बाद ठीक समय पर उड़ा दिया गया अब उसके पीछे क्या है इसकी छानबीन हम नहीं करते ना ही यह हमारा काम है लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस और जनता कितनी खुश है इस के मारे जाने से यह जरूर जाहिर हो रहा है आश्चर्य होता है कि जब कोई गैंगस्टर कोई बड़ी वारदात करता है तभी मीडिया को भी ख्याल आता है और जब तक वह जिंदा रह कर नेताओं और पुलिस अधिकारियों के संपर्क में रहता है तब तक न जाने क्यों यह मीडिया उसका नाम तक लेना गुनाह समझती है क्यों नहीं विकास दुबे का कच्चा चिट्ठा पहले खोला गया मीडिया के द्वारा यह बाद में जब सांप निकल गया तो लकीर क्यों पिटी  जा रही है हम लोगों ने भी अपराध संवाददाता का काम किया जान हथेली पर लेकर उसी समय हम लोग खबर लिख देते थे जब कोई अपराधी माफिया बनने की ओर चल पड़ता था हम लोगों ने तो माफिया बनने ही नहीं दिया आज रात में आपको पूरी दास्तान पिछले 50 सालों के माफियाओं अपराधियों की और नेताओं के गठजोड़ की गाथा सुनाऊंगा मुझको पूरा मालूम है आज का मीडिया नेताओं और पुलिस की जय जय कार में लगा रहता है क्यों नहीं वह घटना से पहले यह सब खुलासा कर देता कि विकास दुबे एक खतरनाक अपराधी है इस को पुलिस  क्यों नहीं पकड़ रही है जब बड़ा कांड हो जाता है तब यह मीडिया वाले क्यों उसकी  गाथा सुनाने लगते हैं जैसे कोई फिल्म बनानी है हमारे उत्तर प्रदेश पुलिस के 8   जांबाज लोगों को सरेआम गोलियों से भूनने वाला अगर वह स्वयं गोलियों से भूना जाता है तभी तो पुलिस का मनोबल बढ़ेगा और अपराधियों को पनाह देने वालों का मनोबल टूटेगा वैसे विकास के पीछे जिन लोगों का भी हाथ था वह बेनकाब होंगे आज या कल उसका एक मकान ढाया जा चुका है उसके लगभग सभी वरिष्ठ सहयोगी साथी अपराधी जो घटना में शामिल थे एक-एक कर  पुलिस की गोली का शिकार हो रहे हैं उम्मीद है उसका  गिरोह जल्दी समाप्त हो जाएगा और जहां तक मेरा ख्याल है प्रदेश के बाकी बचे माफिया और अपराधी भी अब एक-एक कर साफ हो जाएंगे योगी जी का रौद्र रूप अब सामने आने लगा है पहले वह भी सोचते थे कुछ एक सुधर जाएंगे लेकिन अब पानी सर से ऊपर निकल गया अब किसी भी अपराधी का उत्तर प्रदेश से बचना यार रहना संभव नहीं है कौन कहता है विकास का पता पुलिस को नहीं था या पुलिस उसके पीछे नहीं लगी थी यह जरूर है कि वह भाग रहा था अपने आकाओं से बचने की गुहार लगा रहा था लेकिन उसको बचाने वाला कोई नहीं था उसके पीछे यूपी पुलिस इस तरह लगी थी  कि उसका बचना नामुमकिन नहीं असंभव था वही हुआ विकास का आतंक योगीराज में नहीं चल सका उसने कोशिश तो की थी सरकार को भी धमकाने की पुलिस को भी धमकाने की कहते हैं कि अपराधी चाहे जितने गुनाह कर ले पुलिस  से नहीं बच सकता अंत में अब मैं आपको  सन 1980 के दशक में किस तरह खुलेआम निर्दोषों को या कांग्रेस सरकार मरवाती हुई उसकी कहानी सुनाऊंगा आज के मतभेद पर उंगली उठाने वाले तब क्या करते थे उसकी कहानी तुम मेरे सामने से गुजरी है और अब इससे अच्छा वक्त पूरे मामले को खोलने का और आएगा भी नहीं आप पढ़ते रहिए गा हमको हम आपको मुठभेड़ की वह कहानियां सुनाएंगे जिसको सुनकर आप हैरान हो जाएंगे मैं रात को अपने अपराध संवाददाता के कार्यकाल में इन लोगों की हरकतों को स्वयं अपनी आंखों से देखा करता था  आपका आरडी शुक्ला