मीडिया पुलिस का मनोबल ना गिराए आरडी शुक्ला की कलम से

आज ऐसी जरूरत आन पड़ी है की मीडिया को समझाया जाए कि वह जनता की सुरक्षा व्यवस्था के लिए 24 घंटे तैयार खड़ी रहने वाली अपनी पुलिस को इतना ना जलील करें कि उसका मनोबल बढ़ने की जगह गिरने लगे मीडिया का अपना अहम रोल है आज जनता उस पर पूरा विश्वास करती है चाहे वह प्रिंट मीडिया हो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया हो या सोशल मीडिया हो सभी को ज मीडिया ही सबसे पहले जनता की आवाज बनती है और वक्त बेवक्त खुशी आफत में जनता का सहारा बनती है आज उसी मीडिया का एक अंग होने के नाते और प्रदेश और देश का वरिष्ठ तम क्राइम रिपोर्टर होने के नाते मैं आज एक अहम सुझाव अपने अधीनस्थों को देना चाहता हूं कि वह देश और प्रदेश की सुरक्षा को देखते हुए पुलिस को इतना अधिक न जलील करें कि वह अपने कार्य से ही विचलित हो जाए आपको मालूम है उनकी ड्यूटी कितनी कड़ी है जाड़ा गर्मी बरसात वह कब आराम करते हैं उनको कब छुट्टी मिलती है आप के हर कष्ट में वह खड़े दिखाई देते हैं आप की सुरक्षा के लिए और तन मन लगाने को तैयार रहते हैं ठीक है और जगहों की तरफ पुलिस में भी कुछ गलत लोग हैं लेकिन बहुमत अच्छे पुलिसकर्मियों का है जो कर्तव्य निष्ठा पर लगातार खरे उतरते हैं कोई भी घटना दुर्घटना हो उस पर मीडिया को सब्र करना चाहिए पूरी खोजबीन करके ही खबर का प्रसारण करना चाहिए या लिखना चाहिए केवल सनसनी फैलाने के लिए अपनी पुलिस का मनोबल नहीं गिराना चाहिए और ना ही बिना छानबीन के अपराध की खबरों को प्रसारित कर देना चाहिए हम लोग अपने समय में पुलिस की मेहनत को देखते हुए लगातार उनका साथ देते थे उनके हर काम का बखान ठीक ढंग से करते थे अपराधियों पर हम लोग बहुत कढ़ाई करते थे शायद पुलिस से भी ज्यादा और हमेशा अपराधियों द्वारा किसी भी घटना को अंजाम देने से पहले उनकी पोल खोल कर रख देते थे या यूं कहिए किसी भी घटना को बड़ा होने से पहले इस चरण अखबार में लिख देते थे जिससे पुलिस उन अपराधियों को किसी घटना को अंजाम देने से पहले ही गिरफ्तार कर लेती थी घटना होने के बाद जब पुलिस जांच कर रही हो उस समय उसकी जांच पड़ताल के बीच में उल्टा सीधा खबर दिखाना या लिखना गलत होता है उससे पुलिस भी भटक जाती है और जनता भी भ्रमित हो जाती है अगर मीडिया चाहे तो अपराध करने वाले अपराधियों पर पूरी तरह अंकुश लग जाएगा एक वक्त में हम लोगों ने पुलिस का और सरकार का खुलकर साथ दिया और सारे अपराधियों को नर मस्तक करवा दिया था लेकिन बीच के दिनों में वही अपराधी राजनीतिक और मीडिया के सहयोग से फिर बड़े बन गए और जनता को डराने सताने लगे उसका कारण था पुलिस का मनोबल गिराया जाना पुलिस के ऊपर हमले होने लगे उनके ऊपर राजनीतिक दबाव इतना पढ़ने लगा कि वह अपराधियों और माफियाओं की तरफ से मुंह मोड़ने लगे जब हम लोग खबरें लिखते थे अपराध की तब पुलिस से ज्यादा नहीं पूछते थे स्वयं अपनी जांच पड़ताल करते थे ज्यादा जल्दी नहीं करते थे किसी मामले के तथ्यों के बिना कब्रे नहीं प्रकाशित करते थे पुलिस एक जगह छापा मारती थी हम लोग 100 स्थानों पर छापा मारा गया ऐसा लिखते थे अपराधियों में खौफ पैदा करते थे उनसे किसी तरह का गठबंधन नहीं करते थे हां पुलिस से अवश्य कर लेते थे क्योंकि पुलिस इतना गलत नहीं कर सकती जितना अपराधी करते हैं अपराधी की ना जाती होती ना धर्म उसको तो बस पैसा चाहिए वह कैसा ही जघन्य अपराध करने के लिए तैयार है पुलिस को नौकरी करनी होती है बाल बच्चे पालने होते हैं वह कोई भी गलत कार्य करने से अपने को बचाती रहती है क्योंकि उसको नौकरी करनी है उसकी नौकरी जनता बड़े आराम से ले सकती है उसके खिलाफ शिकायत कर सकती है लेकिन अपराधी माफिया को कोई डर नहीं होता उसका अपना जंगल कानून चलता है हम लोग हमेशा पुलिस का सहयोग करते थे अपराधी पैसा दे सकता है लेकिन पुलिस ऐसा नहीं कर सकती इसका मतलब यह नहीं है कि पुलिस को जनता और मीडिया समर्थन ना दें आज की स्थिति ऐसी हो चली है अपने प्रतिष्ठान का नाम बढ़ाने के लिए अपने प्रसार और प्रसारण को बढ़ाने के लिए सनसनीखेज खबरें बना बना कर पेश की जा रहे हैं अपराधी उसका भरपूर फायदा उठा रहे हैं ऐसा नहीं करना चाहिए इससे जनता में अपराधियों का भय व्याप्त होता है आज आप स्वयं देखें प्रदेश में योगी जी की इच्छा शक्ति ने अपराधियों को धरातल पर ला दिया वहीं पुलिस है जो अपराधियों और माफियाओं से बोलती नहीं थी उनके राजनीतिक आकाओं की वजह से आज वही अपराधी और माफिया अपना राज खत्म होते देख रहे हैं उसका कारण है प्रदेश का नेतृत्व ऐसा कठोर व्यक्ति कर रहा है कि उसके रहते पुलिस पर कोई दबाव डाल ही नहीं सकता और जब पुलिस पर कोई दबाव नहीं पड़ेगा तो पुलिस अपराधियों को ठंडा करने में टाइम नहीं लगाती हां यह जरूर है अपराधी भी बहुत चालाक होता है वह तरह तरह के षड्यंत्र रच कर सरकार और पुलिस को गुमराह करता है चकमा देता है जैसे कि पुलिस और सरकार का ध्यान उस से हट जाए और वह बच सके इसके लिए वह तरह-तरह के कांड भी करवाता है जैसा कि आजकल कई जगह देखने को मिल रहा है मीडिया को चाहिए कि वह ठीक ढंग से अपराध की बड़ी घटनाओं को जांचे परखे ना कि सिर्फ अपने हित को देखते हुए ऐसी खबर लगा दे जिससे अपराधियों का मनोबल बढ़े सरकार का और पुलिस का गिरे इस तरीके से अपनी पुलिस का मनोबल गिरा ना आने वाले समय में जनता को बहुत भारी पड़ेगा इसलिए मैं आगाह कर रहा हूं की मीडिया जनता मिलकर अपराध को रोकने में सरकार और पुलिस का साथ दें यह कोई राजनीतिक विषय नहीं है यह समाज की सुरक्षा का प्रश्न है इसलिए अगर मीडिया जनता पुलिस के साथ हो जाए तो बड़े बड़े अपराधी माफिया पुलिस के सामने घुटने टेक देंगे ऐसा हम लोग कर चुके हैं आज पहले की अपेक्षा अपराधियों की संख्या बहुत है केवल उत्तर प्रदेश में देखें तो 25 करो के लगभग आबादी हो रही है प्रदेश के 75 जिलों में डेढ़ हजार से ऊपर थाने हैं सभी थानों में पुलिसकर्मी तैनात है और वह चौबीसों घंटे काम भी करते रहते हैं उनके अच्छे कार्यों को मीडिया को चाहिए खूब अच्छे ढंग से प्रसारित करें क्योंकि वह अच्छा कार्य करते रहते हैं उनके क्षेत्र में होने वाले अपराधों को स्वयं नहीं करवाते ना ही कोई पुलिस वाला अपने हलके में अपराध होने देना चाहता लेकिन अगर हो जाता है तो उसको काफी तकलीफ होती है और वह उसको के अपराधियों को शीघ्र पकड़ना चाहता है मीडिया को भी ध्यान रखना चाहिए और पुलिस को पूरी छानबीन करने का समय देते हुए खबर प्रकाशित या प्रसारित करना चाहिए वैसे तो अपराध की खबर लिखने वाले रिपोर्टरों को अपराधिक गतिविधियां संचालित करने वाले अड्डों पर विशेष ध्यान देना चाहिए अपराधियों पर ध्यान देना चाहिए जहां से अपराध की जड़ शुरू होती है अगर वहीं पर मीडिया मामले को खोल कर रख दे तो अपराध भी नहीं होगा और अपराधी घटना को अंजाम देने से पहले ही गिरफ्तार किया जा सकता है इसके लिए आवश्यक है कि वह पुलिस का सहयोग करें ना की नकारात्मक खबरें लगाकर पुलिस को परेशान करें पुलिस अनुशासित फोर्स है वह कोई बयान जारी नहीं कर सकती नाही प्रेस से कुछ ज्यादा कह सकती है अपराधी राजनीतिक संरक्षण में होते हैं उनके प्रवक्ता पैसा लेकर कुछ भी कहने सुनने को तैयार बैठे रहते हैं लेकिन आज हालात योगी जी के राज में बहुत बदल गया है आज माफिया और अपराधी की हालत पतली हो चुकी है ऐसा पिछले 30 वर्षों में 40 वर्षों में नहीं देखने को मिला जो आज मिल रहा है योगी जी की पुलिस अपराधियों और माफियाओं पर टूट पड़ी है और उसने यह तय कर लिया है इनके साम्राज्य को पूरी तरह नष्ट कर देगी ऐसे समय में मीडिया को पुलिस के राह का रोड़ा नहीं बनना चाहिए उसका समर्थन करना चाहिए वक्त पड़ने पर पुलिस ही काम आएगी पहले भी हमेशा पुलिस ने साथ दिया है आपका अपराधी कभी किसी का नहीं होता इसलिए मेरा सुझाव है इस समय प्रदेश का नेतृत्व अपराधियों के सफाई में लगा है अगर इस समय जनता और मीडिया अपना सही रोल अदा करें तो निश्चित तौर पर अपराधी और माफिया तो समाप्त होंगे ही जनता को सुरक्षा मिलेगी जिससे उसका व्यवसाय बढ़ेगा प्रदेश का विकास होगा इन बेकार की सनसनीखेज खबरों से केवल अपराधियों और माफियाओं का मनोबल बढ़ता है या सरकार विरोधी तत्वों का बल बढ़ता है हमारे देश का मीडिया हमेशा से देश भक्त रहा है उसको इस समय भी देश और खास तौर पर उत्तर प्रदेश सरकार की सराहना करते हुए पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर उसका सहयोग करते हुए अपराधियों के साम्राज्य को नष्ट करने के लिए आगे आना चाहिए और आगे आने वाली पीढ़ी के लिए सुंदर राज्य स्थापित करवाना चाहिए यह वक्त बहुत सही है अब फैसला आपका है कि आप अपने पुलिस का मनोबल बढ़ाते हैं सरकार के साथ खड़े होते हैं या उन विध्वंसक आतंकवादियों नक्सलवादियों देशद्रोहियों का साथ देते हैं जो हमारे देश को बर्बाद करना चाहते हैं हम जानते हैं कि यह समय निर्णायक है और जनता पूरी तरह देशभक्त है वह कोई भी कदम सोच-समझकर ही उठाती है वहीं विरोधी अराजक तत्व को कभी पनपने नहीं देगी और मीडिया मेरी सलाह निश्चित मानेगी धन्यवाद